भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति समिति (MPC) मीटिंग में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट (bps) की कटौती का ऐलान किया है. अब रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो गई है. ये तीसरा कन्सीक्यूटिव कट है, जो फरवरी 2025 से शुरू हुआ था. इस मूव से होम लोन, कार लोन और बाकी कर्जों की इंटरेस्ट रेट्स में कमी की उम्मीद है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, इस कटौती से बैंकों की एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लेंडिंग रेट्स (EBLR) और मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 30 बेसिस पॉइंट तक की कमी हो सकती है.
कम हो जाएगी EMI
SBI की रिपोर्ट कहती है कि रेपो रेट कट से बैंकों की लेंडिंग कॉस्ट कम होगी, जिसका डायरेक्ट असर होम लोन, पर्सनल लोन और ऑटो लोन की EMI पर पड़ेगा. मिसाल के तौर पर, 20 लाख रुपये के 20 साल के होम लोन की EMI में करीब 600-800 रुपये की बचत हो सकती है. ये कटौती न सिर्फ कर्ज लेने वालों को राहत देगी, बल्कि रियल एस्टेट, सीमेंट, स्टील और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट जैसे सेक्टर्स में भी इकोनॉमिक एक्टिविटी को बूस्ट करेगी. रियल एस्टेट में डिमांड बढ़ने से जॉब क्रिएशन और इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा.
मजबूत होगी इकोनॉमी
रिपोर्ट के मुताबिक, ये कटौती भारत की 7.4% की सॉलिड GDP ग्रोथ और 4% से नीचे इनफ्लेशन के फेवरेबल माहौल में हुई है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि RBI का ये स्टेप इकोनॉमिक ग्रोथ को स्पीड देने और लेंडिंग को एनकरेज करने के लिए है. लेकिन, कुछ एनालिस्ट्स का कहना है कि ग्लोबल इकोनॉमिक अनसर्टेनिटी जैसे अमेरिकी टैरिफ पॉलिसीज, को देखते हुए RBI सावधान रुख अपनाएगा.
SBI रिसर्च ने अनुमान लगाया है कि FY26 में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की और कटौती हो सकती है, जिससे लोन और भी सस्ते होंगे. ये कदम भारतीय इकोनॉमी को इनवेस्टमेंट और कंजम्पशन के लिए और अट्रैक्टिव बनाएगा.